ममता से रेल छिनेगा

April 01 2011


पश्चिम बंगाल चुनाव में एक तरह से तृणमूल नेत्री ममता बनर्जी की जीत लगभग पक्की मानी जा रही है, यह बात तो बुध्ददेव भट्टाचार्य ने भी एक मलयाली दैनिक को दिए गए साक्षात्कार में मान ली है कि अब बंगाल में वामपंथी दल विपक्ष में बैठने को तैयार हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर ममता दीदी रायटर्स बिल्डिंग पर काबिज हो जाती हैं तो फिर रेल भवन में उनकी जगह कौन लेगा? इसको लेकर ममता के विश्वासपात्रों मुकुल राय से लेकर दिनेश त्रिवेदी तक आपसी प्रतिद्वंद्विता में जुटे हैं। पर विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने एक तरह से ममता को साफ कर दिया है कि अगर वह बंगाल चली गईं तो रेल पर उन्हें अपना दावा छोड़ना होगा। कांग्रेस रेल मंत्रालय अब अपने पास रखना चाहती है। जाफर शरीफ के बाद से किसी कांग्रेसी मंत्री ने अब तलक रेल का महकमा नहीं संभाला है। कांग्रेस ने ममता को इशारों-इशारों में बता दिया है कि रेल के एवज में उनकी पार्टी को तीन कैबिनेट मंत्रालय दिए जा सकते हैं। वैसे भी यूपीए 2 में कांग्रेस तमाम महत्त्वपूर्ण मंत्रालय धीरे-धीरे घटक दलों से अपने कब्जे में ले रही है- पहले भूतल परिवहन, फिर टेलिकॉम द्रमुक से ले लिया, तो नागरिक उड्डयन राकांपा से। अब तृणमूल के त्याग की बारी है।

 
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