मगन है जगन, कांग्रेस है सन्न

June 08 2010


जगन रेड्डी कांग्रेसी हाईकमान के समक्ष कुछ महती चुनौतियां लेकर उभरे हैं, इन दिनों जगन ने अपने जन जागरण अभियान और पब्लिक रैलियों से न केवल प्रदेश के मुख्यमंत्री रोसैया बल्कि दिल्ली दरबार तक का जीना दूभर किया हुआ है। जगन के पिता राजशेखर रेड्डी को चंद्रबाबू से बड़ा बनाने की कवायद ने कांग्रेस ने अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया था, और आज हालत यह है कि कांग्रेसी उसी वाईएसआर के पुत्र के परों को कुतरने में जुटी है। “वाईएसआर स्कूल ऑफ थॉटस” के लोगों के विचार से जब राजशेखर रेड्डी विमान दुर्घटना में मारे गए तो उनके गम में 644 लोगों ने आत्महत्याएं कर लीं, तब जगन ने यह संकल्प लिया था कि वे इन सभी 644 घरों में शोक संवेदना व्यक्त करने जाएंगे और जगन ने इन सभी शोक संतप्त परिवारों को अपनी ओर से 50 हजार रकम देने की घोषणा भी कर डाली थी, और जगन ने धीरे-धीरे इन घरों में जब रकम भेजनी शुरू कर दी तो मुख्यमंत्री खेमा यह कहने लग गया कि ये सभी तो सामान्य मौत के शिकार हुए थे, फिर भी जगन को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ा है वे उन घरों में जा भी रहे हैं और पब्लिक रैलियां भी कर रहे हैं, और अगर जगन को कोई बड़ा कदम उठाना भी हुआ तो अभी वे इंतजार करना चाहते हैं…जब तक कि राज्य में चुनाव की घड़ी और करीब न आ जाए।

 
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