बस शेल्टर का गोरखधंधा |
September 29 2013 |
दिल्ली के कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान यहां के बस शेल्टर्स का काम फ्रांस की एक मशहूर आउटडोर कंपनी को दिया गया था। तब विपक्षी दलों ने इस बात पर खासा हंगामा भी मचाया था। भाजपा नेताओं ने तो यहां तक आरोप लगाए थे कि इस कंपनी में मुख्यमंत्री के एक नजदीकी रिश्तेदार का भी हिस्सा है। यह बात आई-गई हो गई और इस फ्रांसीसी कंपनी को धीरे-धीरे दिल्ली के 900 बस शेल्टर का काम हासिल हो गया। यह कंपनी दिल्ली सरकार को प्रति बस शेल्टर 8-9 हजार रूपयों का भुगतान करती है और बदले में विज्ञापनदाताओं से 90 हजार से 50 लाख प्रति बस शेल्टर के दर से किराया वसूलती है। अभी इस चुनावी मौसम में दिल्ली सरकार केवल मद में 4 करोड़ रूपयों से ज्यादा प्रतिमाह खर्च कर रही है। इस राशि का सबसे बड़ा हिस्सा बस शेल्टर पर विज्ञापन देने में खर्च कर रही है।वहीं प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने अपने विज्ञापन अभियान के केंद्र में आउटडोर होर्डिंग्स को रखा है और उसने दिल्ली के प्रमुख स्थानों के ज्यादातर सभी होर्डिंग्स अपने विज्ञापन अभियान के लिए अभी से किराए पर ले लिए हैं। |
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