पुराने ढर्रे पर कांग्रेस

March 16 2010


कांग्रेस बिहार, यूपी व झारखंड में अपने पुराने जातीय समीकरणों की तरफ वापिस लौट रही है। आजादी के बाद से सदैव बिहार और यूपी में कांग्रेस का एक मान्य फार्मूला रहा है कि अगर वहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कोई राजपूत है तो मुख्यमंत्री की कुर्सी आमतौर पर ब्राह्मणों को सौंपी गई, इसी तर्ज पर अगर प्रदेश अध्यक्ष कोई ब्राह्मण है तो मुख्यमंत्री की कुर्सी की दावेदारी ठाकुरों की रही। इस कांग्रेसी समीकरण में दलित और मुसलमान स्वत: जुड़ जाते थे। चुनांचे अब बिहार में कांग्रेस अनिल शर्मा की जगह कोई ठाकुर या ब्राह्मण अध्यक्ष को तरजीह दे सकती है।

 
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