नेता प्रतिपक्ष का पक्ष |
December 20 2009 |
सवाल अहम है कि अडवानी की रुखसती के बाद लोकसभा में किसके पास होगी नेता प्रतिपक्ष की कमान? अगर पार्टी सूत्रों के दावों पर यकीन किया जाए तो अडवानी की गद्दी संभालने के लिए पार्टी नेत्री सुषमा स्वराज के नाम पर एक आम सहमति बन चुकी है और यह तो सर्वज्ञात है कि नेता प्रतिपक्ष की ताजपोशी के लिए अडवानी की स्वीकृति पार्टी में एक सर्वमान्य सत्य के तौर पर स्थापित हो चुकी है। सो लिब्रहान के मुद्दे पर बोलने के बाद सुषमा ने जिस भांति अडवानी का आशीर्वाद ग्रहण किया और जिस अंदाज में अडवानी ने भी सुषमा की पीठ थपथपाई उन क्षणों में जैसे यह साबित हो चुका था कि अब पार्टी में अडवानी के उत्तराधिकार के मुद्दे पर एक निर्णायक मुहर लग चुकी है। पर नेता प्रतिपक्ष के नए अवतार में सुषमा की स्वीकृति इतनी भी सर्वमान्य नहीं कि राजनाथ सिंह और मुरली मनोहर जोशी सरीखे पार्टी के वरिष्ठ नेता इसे इतनी ही सहजता से स्वीकार कर ले, सो असहमति के स्वर भी यदा-कदा दिखने लगे हैं। देखना दिलचस्प रहेगा कि इन सियासी तिलिस्म से बाहर निकल कर सुषमा लोकसभा में पार्टी को एक नया विचार और नया चेहरा दे पाने में क्या कामयाब हो पाएंगी? |
Feedback |