निर्दयी होती सरकार |
September 26 2011 |
सियासत अब से पहले इतनी खूंखार कभी न थी, अब तो इससे होकर गुजरने में भी डर लगता है, जाने गर्दन में उतर जाएंगे कितने दांत, सड़क पर सरेआम टप-टप बरसता सुर्ख लहू, आसमां सिंदूरी, चांद लाल होगा… हर पल तुम्हें इस जंगल से गुजरने का मलाल होगा… अब तो कांग्रेसी भी खुलेआम कहने लगे हैं कि प्रधानमंत्री के वकील सलाहकार अब पार्टी का बेड़ा गर्क कर रहे हैं, और पीएम राजनैतिक इच्छा शक्ति से नहीं अपितु आइपीसी (पी.चिदंबरम) और सीआरपीसी (कपिल सिब्बल) से सरकार व देश चला रहे हैं। |
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