दीदी ओ दीदी! |
January 13 2010 |
माकपा और तृणमूल में भले ही छत्तीस का आंकड़ा हो और ममता दीदी चाहे कितनी ही मार्क्सवादी फोबिया से ग्रस्त हों, इन पार्टियों के सांसद दिलों की दूरियों पाटने में लगे हैं। हालिया दिनों में संसद के कॉरिडोर में तृणमूल का एक सांसद माकपा की एक महिला सांसद से टकरा गया तो उन्होंने झट से उन्हें उद्बोधन दिया-‘दीदी’। सांसद ने जब चौंककर देखा तो तृणमूल सांसद ने कहा-‘मेरी तो बस दो दीदी हैं और दोनों ही उतनी ही प्यारी हैं, एक आप हो और दूसरी ममता दीदी’। ममता दीदी को मालूम पड़ गया तो? |
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