अगर खिलाफ हैं होने दो जान थोड़ी है, यह सब धुंआ है कोई आसमान थोड़ी है।
लगेगी आग तो आएंगे घर कई ाद में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है॥
भ्रष्टाचार के तमाम गंभीर आरोपों से जूझते नितिन गडकरी को संघ ने फिलहाल अभयदान देने का फैसला किया है। सूत्र बताते हैं कि वे दिसंबर तक पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे और अपना अध्यक्षीय कार्यकाल पूरा करेंगे। जनवरी में पार्टी को एक नया अध्यक्ष मिल सकता है। गडकरी ने ऊपरी मन से ही सही संघ व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कह दिया है कि वे अपने दूसरे टर्म के लिए इच्छुक नहीं हैं। गडकरी के इस्तीफे को लेकर पार्टी में दो मत हैं। एक धड़ा शुचिता व नैतिकता की दुहाई देकर गडकरी का तुरंत इस्तीफा चाहता है। वहीं संघ समर्थित दूसरे धड़े की राय है कि मीडिया ट्रायल के आधार पर पार्टी अध्यक्ष का इस्तीफा नहीं हो सकता। नहीं तो सीएजी रिपोर्ट में नाम आने के बाद मनमोहन सिंह और बोफोर्स कांड में नाम आने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी इस्तीफा देना चाहिए था।