तेरा क्या होगा कालिया? |
June 08 2010 |
कभी यह साहब जोशी जी की मुरली मनोहर भाव से बजाया करते थे, जब से भाजपा में गडकरी राज आया है इन्होंने जोड़-तोड़ से गडकरी से भी अपना टांका भिड़ा लिया है, सो भाजपा शासित राज्यों में पहले भी इनका हर काम डंके की चोट पर होता है और अब भी होता है, क्या मजाल जो भाजपा शासित राज्य का कोई भी मुख्यमंत्री चूं-चपड़ कर जाए, इनके पिता फौज में थे कर्नल, अब अमरीका में कहीं रहते हैं, जनाब स्वयं मुंबई में रहते हैं, जहां इन दिनों बीबी से कुछ इस कदर इनकी खटपट चल रही है कि तलाक की नौबत आ पहुंची है, जनाब टेंशन में है, कभी-कभी सुरूर बहक जाते हैं तो भाजपा की जड़ में मट्ठा डालने का आह्वान तक कर डालते हैं और चिल्ला कर कहते हैं कि अब वक्त आ गया है कि भाजपा को विसर्जित कर हिंदू महासभा को पुनर्जीवित किया जाए, इनका यह उद्धोष पार्टी जनों तक पहुंच चुका है और अब सब एक स्वर में बस यही पूछ रहे हैं-‘तेरा क्या होगा कालिया?…सरदार मैंने आपका नमक खाया है…और भी तो कुछ खाया है, वह तो बता!’ |
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