जेपीसी बनाम पीएसी का पंगा

April 01 2011


2जी पर गठित जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय कमेटी और पीएसी यानी पब्लिक अकाऊंट कमेटी में बकायदा ठन गई है। पीएसी ने पिछले दिनों दो पत्रकारों को तलब किया, ‘आऊट लुक’ अंग्रेजी साप्ताहिक के विनोद मेहता और ‘ओपन’ अंग्रेजी साप्ताहिक के संपादक मनु जोसेफ को। इसके बाद वीर सांघवी और बरखा दत्त का नंबर था। अभी यह नंबर लगने ही वाला था कि ये चंद पत्रकार भागे-भागे जेपीसी चेयरमैन पीसी चाको के पास जा पहुंचे और वहां जाकर अपना दुखड़ा रोया, साथ ही चाको को यह भी समझाया कि भाजपा-कांग्रेस के आपसी झगड़े में उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। चूंकि पीएसी के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी एक भाजपाई है। इन पत्रकारों का यह भी तर्क था कि पीएसी सीएजी रिपोर्ट की पड़ताल करने के लिए गठिन हुई है, और सीएजी रिपोर्ट में राडिया टेप्स का कहीं कोई जिक्र नहीं है। यह अगर आता भी है तो वह जेपीसी के दायरे में आता है। अब राडिया टेप्स में तो सुहेल सेठ और रंजन भट्टाचार्य के भी नाम हैं, क्या पीएसी उन्हें भी तलब करेगी? पत्रकारों की दलीलें सुनने के बाद चाको जोशी को उनका दायरा बताने में जुट गए हैं। आने वाले दिनों में पीएसी बनाम जेपीसी का मुद्दा खासा तूल पकड़ सकता है।

 
Feedback
 
Download
GossipGuru App
Now!!