जा सकते हैं गहलोत |
October 24 2011 |
लगता है आज न कल अशोक गहलोत को जाना ही होगा, भंवरी देवी प्रकरण में घिरे मदेरणा को बचाने के आरोप गहलोत पर भले ही उतने गंभीर न हों, राज-काज में उनकी अक्षमता को कांग्रेसी हाईकमान गंभीरता से ले रहा है। प्रदेश में जातीय समीकरणों को मांजने व साधने की बाजीगरी में भी वे पिछड़ गए हैं, आम तौर पर राजस्थान में यह कांग्रेसी फार्मूला चलता था कि चाहे मुख्यमंत्री किसी भी जाति का हो प्रदेश अध्यक्ष हमेशा राज्य की जातीय समीकरणों को मद्देनजर रखकर बनाया जाता था, पर गहलोत ने अपने एक खास चंपू चंद्रभान को प्रदेश अध्यक्ष बनवा कर राज्य के जाट मतदाताओं को बिल्कुल नाराज कर दिया है। गहलोत की जगह लेने के लिए कांग्रेसी हाईकमान दो नामों पर विचार कर रहा है, वह हैं शांति धारीवाल और सी.पी.जोशी। यानी गहलोत को भ्रष्टाचार के आरोपों की कीमत चुकानी पड़ सकती है। वहीं दूसरी ओर पार्टी में इस बात को लेकर भी गहरा असंतोष है कि गहलोत बाहर से आए लोगों को ज्यादा तरजीह देते हैं। |
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