चीनी इंडियन |
November 01 2009 |
अमरीका की बदली-बदली सी भाव-भंगिमाएं, पाकिस्तान के लिए उमड़ता अमरीकी प्यार व पैसा भारत का चैन उड़ाने के लिए काफी था कि ऐसे में उसे लाल चीन की डरावनी लाल आंखों का भी गाहे-बगाहे मंजर देखना पड़ रहा है। अपने घर के झगड़ों से बाहर नहीं आ पा रही भाजपा ने अपने नामुराद इरादों की झलक दिखाते पलभर में ‘चीन कार्ड’ का दांव खेल दिया है और चीन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील कर चुकी है, पर भाजपा नेताओं की एक चिंता और है, जैसा कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘अगर हम सर्वदलीय बैठक की मांग पर अड़े रहे तो उस मीटिंग में चीनी नेता भी तो भाग लेंगे।’ सबको मालूम है कि भाजपा का इशारा साफ तौर पर वामदलों की ओर है जिन्होंने चीन के मसले पर अब भी एक सुविचारित चुप्पी का आवरण ओढ़ रखा है जिन्हें भाजपा ‘चीनी एजेंट’ का संबोधन देने से बाज नहीं आती। |
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