गन्ना नहीं तो लिब्रहान सही |
December 03 2009 |
संसद के चालू सत्र में गन्ने की कीमत एक प्रमुख मुद्दा था, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज से पहले ही कह चुके थे कि वे गन्ने के मुद्दे पर बोलना चाहते हैं क्योंकि वे किसानों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे। पर इत्तफाक से गन्ने पर होने वाली बहस एक मीटिंग में तब्दील हो गई। इतने में लिब्रहान रिपोर्ट का बवंडर आ गया तो सुषमा ने राजनाथ से आग्रह किया कि वे उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए लिब्रहान रिपोर्ट पर बोलें। सो अब राजनाथ के लिए यह एक सुनहरा अवसर है संसद और संघ के समक्ष खुद को सार्थक करने के लिए, सो अध्यक्ष जी झारखंड को बिसरा कर लिब्रहान का पाठ याद करने में मुस्तैदी से जुटे हैं। |
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