खुद से ज्यादा नजर नहीं आता

February 19 2010


बतौर गृह मंत्री पी.चिदंबरम के अयुदय को चाहे जो भी सियासी रंग दिए जाए, पर कुछ बातें है जो पी.सी.चाहकर भी छुपा नहीं पाते, अपने चेहरे और अच्छे चेहरों से उनकी आसि€त तो सर्वज्ञात है ही, चुनांचे अगर मीडिया में दिखने-दिखाने का मामला होता है तो पी.सी. सदैव मीडिया की नजरों में एक स्वयंभू अवतार के तौर पर नजर आना चाहते हैं, गृह मंत्रालय की यह एक आम परंपरा रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण सरकारी घोषणा के व€त देश का गृह सचिव सदैव अपने केंद्रीय मंत्री के बगलगीर होता है, पर जब से पी.सी.आए हैं उन्होंने अपने काबिल गृह सचिव जी.के. पिल्लई को सदैव मीडिया की नजरों से दूर ही रखा है। पिल्लई की क्षमता पर कोई शक की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए, वे एक बेहद काबिल अधिकारी है, सो एनडीए की सरकार में वे नार्थ ईस्ट का महत्वपूर्ण प्रभार देख रहे थे, जब ए.के.एंटोनी केरल के मुयमंत्री बने तो पिल्लई को उन्होंने अपना प्रमुख सचिव बनाया। इसके बाद पिल्लई ने शिवराज पाटिल से लेकर कमलनाथ के साथ काम किया और अपनी प्रशासनिक क्षमताओं का सबको लोहा मनवाया, सो सवाल अहम है कि अगर न€सली समस्या को लेकर कोलकाता की यह बैठक इतनी महत्वपूर्ण थी तो पी.सी.अपने गृहसचिव को €यों नहीं साथ लेकर गए? €यों उन्होंने पिल्लई को पहले ही नार्थ ईस्ट भेज दिया? ऐसे ही कितने अनुžारित सवाल अब भी पी.सी.का हरव€त पीछा कर रहे हैं।

 
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