क्यों आनंद से हैं शर्मा जी |
December 30 2010 |
अपने एक कैबिनेट साथी आनंद शर्मा के प्रति प्रधानमंत्री की नापसंदगी छुपाए नहीं छुपती है, पर कुछ तो बात है ऐसी की शर्मा जी के आनंद में स्वयं मनमोहन भी खलल नहीं डाल पा रहे। समझा जाता है कि शर्मा जी इन दिनों दस जनपथ के खासमखास हो गए हैं, सूत्रों की माने तो वे हर हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मसलों पर एक रिपोर्ट तैयार करते हैं और उन्हें कांग्रेस अध्यक्षा के हवाले कर देते हैं। सोनिया शर्मा जी के इस अंतरराष्ट्रीय ज्ञान पर कुछ इस तरह फिदा हैं कि वो चाहती हैं कि आनंद शर्मा को विदेश मंत्रालय में लाया जाए, वहीं स्वयं प्रधानमंत्री इस मंत्रालय में कपिल सिब्बल को लाना चाहते हैं, यानी दोनों ही तरफ से एस.एम.कृष्णा के सिर दुधारी तलवार लटक ही रही है। अगर प्रधानमंत्री सिब्बल को विदेश मंत्रालय में लाने में कामयाब हो जाते हैं तो फिर वे सिब्बल के रिक्त हुए मंत्रालय में सलमान खुर्शीद को ला सकते हैं, और खुर्शीद के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के लिए अंतुले सरीखा कोई कट्टरपंथी चेहरा तलाश सकते हैं, क्योंकि खुर्शीद की छवि एक धर्मनिरपेक्ष उदार मुस्लिम की है जो कांग्रेस के ‘वोट बैंक पॉलिटिक्स’ के मुफीद नहीं बैठती है। |
Feedback |