क्या है वेदांता का वेद मंत्र? |
August 29 2010 |
बिहार के पटना के एक अनजाने से शख्स अनिल अग्रवाल का इतिहास मात्र 35 साल पुराना है। इनकी कंपनी वेदांता बस इसीलिए फली-फूली कि इसने पुरानी खान या घाटे में चल रही कंपनियों का औने-पौने दाम पर अधिग्रहण किया और फिर उसे एक मुनाफा देने वाली यूनिट में तब्दील कर दिया। सनद रहे कि एनडीए के शासनकाल में अग्रवाल ने बाल्को का सौदा भी महज 500 करोड़ रुपए में कर लिया था। अनिल की तस्मानिया में भी अपनी माइन्स हैं। इनकी कंपनी वेदांता लंदन में रजिस्टर्ड है, जहां वे दूसरे नंबर के अमीर भारतीय हैं। भले ही वे अंग्रेजी रूक-रूक कर बोलते हों, पर ब्रिटिश सरकार में इनका खासा रसूख है। शायद यही कारण है कि केयर्न ऑयल कंपनी को वेदांता ने इतनी आसानी से खरीद लिया। केयर्न के राजस्थान और कृष्णा गोदावरी बेसिन में ऑयल फिल्ड्स हैं, चुनांचे अगर वेदांता ऑयल फिल्ड्स बिजनेस में आ जाता है तो वह अंबानी के रिलायंस से भी बड़ा खिलाड़ी बन जाएगा। सो, इसी वर्चस्व की लड़ाई में फिलहाल मुकेश अंबानी ने अनिल अग्रवाल को पछाड़ दिया है। |
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