क्या सोनिया की असली पसंद नहीं हैं दादा? |
June 18 2012 |
अब तो यह राज राज भी न रहा कि प्रणब दा सोनिया की पहली पसंद नहीं थे। अगर राष्ट्रीय परिदृश्य पर ममता ड्रामा घटित नहीं हुआ होता तो प्रणब दा की उदात्त राजनैतिक महत्वकांक्षाएं सियासी नेपथ्य की भेंट चढ़ जातीं। बुधवार को ममता और मुलायम ने जब साझा प्रेस कांफ्रेंस की तो उसके बाद ही सोनिया एंड कंपनी को बैकफुट पर आना पड़ा। उसी शाम प्रणब के पास सोनिया का फोन आया और उन्होंने दादा से कहा कि ‘हमने तो बस आपका अकेला नाम लिया था, ममता ये ख्वामखाह का बखेड़ा कर रही हैं।’ सोनिया ने दादा से ये भी कहा कि वे सुबह दस जनपथ आकर उनसे मिलें। |
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