क्या करें गडकरी |
April 11 2012 |
गडकरी भी किंचित हैरान हैं इस बात को लेकर कि इन दिनों वे अपनी ओर से जो भी सियासी पहल कर रहे हैं उनका दांव किंचित उल्टा पड़ रहा है। यूपी चुनाव, बाबू सिंह कुशवाहा से लेकर अंशुमान मिश्र की राज्यसभा उम्मीदवारी उनके हर कदम से उनकी फजीहत हुई है। जबकि कुशवाहा को पार्टी में लाकर गडकरी अति पिछड़े वोटों को लामबंद करना चाहते थे, यूपी चुनाव में उन्होंने धन व दम दोनों लगाया पर नेतृत्व शून्यता की वजह से ये भी बेअसर रहे। अंशुमान मिश्र संघ व पार्टी के पुराने वफादारों में शुमार होते हैं, 2009 के लोकसभा चुनावों में और इस दफे के यूपी चुनाव में मिश्र ने पार्टी फंड की जो सेवा की है वो किसी से छुपी नहीं, बावजूद मिश्र को भाजपा के समर्थन पर इतना बावेला मचा कि उन्हें अपना नाम वापिस लेना पड़ा। |
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