कोलगेट और जेटली |
October 08 2012 |
इन दिनों राज्यसभा के एलओपी अरूण जेटली जांच एजेंसियों से खासे नाराज़ बताए जाते हैं और इन्होंने अपनी नाराागी राज्यसभा के चेयरमैन हामिद अंसारी को भी पत्र लिख कर बता दी है। सूत्र बताते हैं कि इस ंखत का मामून है कि कोलगेट मामले में जांच के बहाने जांच एजेंसियों के अफसर उन्हें बोा परेशान कर रहे हैं। हुआ कुछ यूं कि कोलगेट के घोटाले में जब आईबी और सीबीआई अधिकारियों ने पड़ताल की तो पाया कि सभी बड़ी कंपनियों ने मसलन टाटा, जिंदल आदि ने फाइल में सबसे ऊपर नेता प्रतिपक्ष अरूण जेटली का ‘ओपिनियन’ लगा रखा है। जिसमें लिखा गया है कि ‘कोल ब्लॉक के आबंटन जायज़ तरीके से हुए हैं।’ जब जांच एजेंसियों ने जेटली से इस बाबत पूछताछ की तो जेटली का कहना था कि यह ओपिनियन उन्होंने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने से पहले दिया था और यह उनके ‘प्रोफेशन’ के मुताबिक था और अब कोलगेट का विरोध वे नेता प्रतिपक्ष के तौर पर कर रहे हैं। जांच एजेंसियों और कांग्रेसी हुकुमत को यह तर्क रास नहीं आ रहा है, क्योंकि वे जानते हैं कि ऐसे एक ओपिनियन की फीस लाखों में होती है। |
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