कहानी-ए-राजधानी |
November 14 2009 |
लगता है नवीन पटनायक अब भी भुवनेश्वर राजधानी के अपहरण के सदमे से उबर नहीं पाए हैं। अभी हालिया दिनों में नवीन अपने एक मित्र पत्रकार के घर डिनर पर दिल्ली पधारे थे तो लगभग पूरे समय वह इस अपहरण ड्रामे की चर्चा करते ही नजर आए। जैसे ही यह खबर आई कि राजधानी एक्सप्रेस को नक्सलियों ने अगवा कर लिया है। नवीन ने फौरन रेल मंत्री ममता बनर्जी को फोन लगाया, ममता ने छूटते ही सीपीएम को भला-बुरा कहना शुरू कर दिया, हैरान-परेशान नवीन ने ममता से गुजारिश की इस वारदात को किसने अंजाम दिया है हमें इस पचड़े में न पड़कर रेलयात्रियों की रिहाई सुनिश्चित करानी चाहिए, नवीन की असली चिंता अपने प्रदेश के उन 1200 ओड़िया रेल यात्रियों को लेकर थी, जब ममता से बात नहीं बनी तो नवीन ने केंद्रीय गृह मंत्री चिदंबरम को फोन लगाया, तो चिदंबरम ने छूटते ही कहा-‘माओइस्ट पीपुल हैज डन इट'(यह माओवादियों की करतूत है) तब थक हार कर नवीन ने सीधे प्रधानमंत्री को फोन लगा दिया, डा.साहब ने कहा कि ‘हमें समझ नहीं आ रहा कि क्या सचमुच स्थिति इतनी गंभीर है, गॉड ब्लैस यू…’ और ऐसे में सचमुच नवीन के लिए भगवान का ही सहारा रह गया था। |
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