कलराज के राज

August 22 2010


भाजपा का ग्रामीण चेहरा भले ही इन दिनों पार्टी में अपनी कथित उपेक्षा से नाराज हों, पर राजनाथ ने यूपी के मामलों में अपनी सक्रियता बरकरार रखी है, और यूपी में हालिया गठित हुए पार्टी पदाधिकारियों की टीम में अपने पुत्र पंकज सिंह को भी रखवाने में कामयाब रहे हैं। लगे हाथ राजनाथ पार्टी में अपने चिरंतन विरोधियों की ओर भी दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं। अब राजनाथ चाहते हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र को पार्टी के ‘सीएम पोस्ट’ का उम्मीदवार प्रोजेक्ट किया जाए। इसके लिए बकायदा राजनाथ ने अपने संसदीय क्षेत्र गाजियाबाद में कलराज मिश्र के लिए एक अभिनंदन समारोह भी रखवाया और उस अभिनंदन समारोह में उन्होंने मिश्र की तारीफों के पुल बांध दिए, और बोलते-बोलते सचमुच भावुक भी हो गए ठाकुर नेता ने खम्म ठोंककर कहा-‘जब मैं अपनी आत्मकथा लिखूंगा, तो उसमें सबसे ज्यादा जिक्र कलराज जी का ही होगा कि कैसे उन्होंने मुझे राजनीति में सदैव आगे बढ़ाया है…।’ जब कलराज मिश्र की बोलने की बारी आई तो उन्होंने अपने खास पलटवार अंदाज में इस बात की पुष्टि की और कहा-‘जब ये (राजनाथ) मोहना का चुनाव हार गए थे, तो तब मैं इनके घर गया था और वहां बड़ा दुख का माहौल था, तब मैंने कल्याण सिंह से बात की और उनसे कहा कि राजनाथ जी को राज्यसभा में भेज दो, पर कल्याण ने अपने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि हारे हुए को नहीं भेजा जा सकता। तब मैंने सीधे अडवानी जी से बात की और उन्हें बताया कि राजनाथ जी को राज्यसभा देना क्यों जरूरी है? अडवानी जी मान गए और इन्हें (राजनाथ को) पहली बार राज्यसभा मिली। अब इसका निर्णय तो बेहतर आप कर सकते हैं कि कलराज की बातों में दोस्ती का दंभ था या प्रतिद्वंद्विता का दंश!

 
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