एका की एकांकी |
September 14 2009 |
प्रख्यात नाटककार जॉर्ज बर्नड शॉ ने एक दफे कहा था- ‘मैंने अपने प्रीमियर की दो टिकटें तुम्हारे लिए रिजर्व रखी हुई हैं, अपने किसी मित्र के साथ आ जाना, वाकई अगर तुम्हारा कोई मित्र है।’ मंगलवार की दोपहर संघ ने ऐसा ही कुछ आह्वान राजनाथ से करवाया, संघ की मंशा, निमित्त बने राजनाथ और सूत्रधार रामलाल। सुषमा, जेतली और वेंकैया जरूर साथ आए राजनाथ के घर दोपहर के भोजन पर, पर उनके अंदर का मित्र कहीं पीछे छूट गया था। संघ ‘पोस्ट अडवानी जेनरेशन’ के इन नेताओं के बीच एका चाहता है, संघ की माने तो एक ‘फ्रेंडली जेस्चर’ पर खाने की टेबुल पर जो कुछ घटित हुआ उससे संघ की पेशानियों पर और भी बल पड़ गए। |
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