ईमानदारी की कीमत |
July 02 2012 |
इनकी गिनती देश के सबसे ईमानदार अफसरों में होती है। तभी तो इन्होंने एक नहीं देश के कम में कम तीन महाघोटालों का खुलासा किया है। पर पिछले दिनों एयरपोर्ट के निजीकरण और कोयला घोटाले का शोर यकबयक मंद पड़ गया तो सियासी गलियारों में इस बात के निहितार्थ ढूंढे जाने लगे। जब मामले को और खंगाला गया तो मुंबई के एक बड़े उद्योगपति की भूमिका भी सामने आई जिनका नाम बारंबार कोयला घोटाले में उछल रहा था। जैसे अंधे के हाथ लग गई हो बटेर उसी तर्ज पर इस उद्योगपति महोदय के हाथ एक बहुत पुरानी एफआईआर की कॉपी लग गई जिसके तार इस ईमानदार अफसर के बैंकर पुत्र से जुड़े थे। उद्योगपति महोदय भागे-भागे दिल्ली आए और उन्होंने यह एफआईआर की कॉपी कांग्रेसी सर्वशक्तिमान अहमद पटेल को सौंप दी। और पटेल इसे लेकर सीधे दस जनपथ जा पहुंचे यानी सच की पूंछ पर सत्ता के दानवी पैर पड़ चुके हैं। |
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