| आनंद से नहीं है शर्मा जी |
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April 16 2010 |
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देखते-देखते विदेश राज्य मंत्री आनंद शर्मा की उनकी राज्यसभा की मियाद खत्म हो ही गई प्रधानमंत्री ने शर्मा जी की फाइल कानून मंत्रालय को भेज दी है कि बगैर किसी सदन के सदस्य हुए क्या केंद्र में मंत्री बने रहने का हक उन्हें प्राप्त है? ऐसा नहीं है कि आनंद शर्मा ने राज्यसभा के लिए हाथ पांव नहीं मारे हों। कई-कई बार दस जनपथ की चौखट पर भी मत्था टेक आए, पर न तो हिमाचल से और न ही हरियाणा से उनका कोई जुगाड़ लगा, तो थकहार कर उन्होंने आंध्र प्रदेश की ओर मुंह कर लिया, पर अपने अकड़ू रवैए के चलते वे आंध्र प्रदेश वालों का दिल जीतने में भी नाकाम रहे। अगर आनंद शर्मा केंद्र में मंत्री नहीं होंगे तो फिर क्या करेंगे? शायद हिमाचल कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बन जाएं और फिर खुद को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करवा लें। पर प्रधानमंत्री के संग-संग अमरीकन लॉबी चाहती है कि शर्मा जी फिलवक्त केंद्र में मंत्री पद की शोभा बढ़ाते रहें। |
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