आजाद का दर्द

July 31 2011


तेलांगना संकट से बाहर आने की कमान पार्टी ने अपने पुराने संकटमोचक गुलाम नबी आजाद को सौंपी है। आजाद आंध्र कांग्रेस के प्रभारी भी हैं। इन दिनों आजाद ‘बैक बोन डिस्क प्रोब्लम’ (चलिए रीढ़ की हड्डी है तो!) से ग्रसित हैं, सो वे लगातार कुर्सी पर बैठ नहीं सकते। लिहाजा जब एक रायलसीमा डेलीगेशन उनसे मिलने आया तो उस प्रतिनिधिमंडल में दो डॉक्टर भी थे-डा. गीता रेड्डी व डा. एम.जगन्नाथम, बातचीत अभी शुरू ही हुई थी कि गुलाम दर्द से कराह उठे, दोनों डॉक्टरों ने फौरन कुछ दवाईयां और स्प्रे मंगवाया, तेलांगना का मुद्दा अब भटक कर गुलाम के दर्द पर सिमट आया था, दोनों डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई, उनकी दवाओं ने असर दिखाई, गुलाम का दर्द जाता रहा, पर तेलांगना की टीस यूं ही बनी रही।

 
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