अमर की चिंता में अमरीका |
September 18 2011 |
अमर सिंह जब तक तिहाड़ में थे परेशान-हाल थे, उनका बड़बोलापन यूं तो जेल में भी बदस्तूर जारी था, पर उनका स्वास्थ्य वहां सचमुच बिगड़ने लगा था, उनके शरीर में इंफेक्शन फैलने लगा था, शायद इसी वजह से जेल में कभी-कभी वे अपना आपा खो बैठते थे, यूं ही चिल्लाकर कहते थे-‘या तो मैं मर जाऊंगा या तो मरने से पहले अपना मुंह खोलूंगा, तो बड़े-बड़े लपेटे में आएंगे।’ जाहिर है अमर के सीने में कुछ राज दफन हैं जिनका सिरा ‘कैश फॉर वोट’ और न्यूक्लीयर डील से जुड़ता है। सबसे हैरानी तो सर्वशक्तिमान अमरीका की अमर में दिलचस्पी को लेकर है, भारत स्थित अमरीकी दूतावास अमर की खैर-मकदम व कुशलक्षेम जानने को सदैव तत्पर रहता है, अमरीका की अमर में इतनी दिलचस्पी सचमुच हैरत पैदा करने वाली है। |
Feedback |