अडवानी फिर वही कहानी

August 27 2009


toppic04अडवानी को लेकर संघ की चिंताए बढ़ती ही जा रही है। चिंतन बैठक शुरू होने से पूर्व संघ ने अडवानी को बड़े दुलार-प्यार से समझाया था कि वे पार्टी में युवाओं के आगे आने का मार्ग प्रशस्त करें और पार्टी में युवा नेतृत्व को फलने-फूलने का मौका दें, यानी संघ की अडवानी को अपरोक्ष यही राय थी कि वे हटें, नेता विपक्ष की गद्दी भी खाली करें और पार्टी नेतृत्व की भी। पर जब अडवानी टस से मस नहीं हुए तो संघ को बैकफुट पर आना पड़ा और बयान देना पड़ा कि ‘भाजपा में हमारा दखल नहीं।’ जबकि संघ के लोग अडवानी को लंबे समय से समझा रहे हैं कि आप सोनिया गांधी की तरह बस संसदीय दल का चेयरमैन हो जाइए। पहले अटल जी ने भी इसी परंपरा का अनुसरण किया था, वे नेता विपक्ष नहीं बने थे। पर अडवानी ठहरे चिकने घड़े कहते हैं कि अगर अटल जी का स्वास्थ्य ठीक रहता तो वे नेता विपक्ष जरूर बनते।

 
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