अडवानी के संत अनंत

September 13 2011


अडवानी को सियासत के नेपथ्य में धकेलने वालों (संघ) के लिए इस बूढ़े शेर की नई हुंकार एक नई चुनौती के समदृश है, अडवानी ने जैसे यह साबित करने को ठान लिया है कि न तो वे टायर्ड (थके) हैं न रिटायर्ड हैं। अडवानी कहते हैं कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ रथ यात्रा निकालने के लिए बकायदा गडकरी से विचार विमर्श किया है, पर गडकरी खेमे का कहना है कि अडवानी ने बस इसकी सूचना भर दी थी। यानी कौन कहता है कि प्रधानमंत्री की दौड़ में अडवानी शामिल नहीं है। पर सबसे बड़ा आश्चर्य तो यह कि अडवानी की इस प्रस्तावित रथ यात्रा के सारथी बने हैं, श्रीकथा अंनते के प्रमुख सूत्रधार अनंत कुमार। अनंत कुमार अब भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाने की मुहिम के अगुआ बने यह बात सहज गले से उतरती नहीं क्योंकि उनके बारे में सबसे ज्यादा यही बात मशहूर है कि वे जहां खड़े हो जाते हैं, भ्रष्टाचार वहीं से शुरू होता है।

 
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