अजीत के मीत |
September 05 2009 |
वाह री भाजपा वाह! असमय चौटाला का दामन झटक अब अजीत सिंह से नजदीकियां बढ़ा रही है, इस नए समीकरण के सूत्रधार कहते हैं कि अजीत और भाजपा के साथ लड़ने से भाजपा को जाट वोटों का फायदा होगा, चुनांचे अगर जाट वोट ही चाहिए थे तो चौटाला क्या बुरे थे, और भाजपा ने असमय कुलदीप बिश्नोई की मित्रता की पेशकश क्यों ठुकरा दी थी? यह तो राजनाथ बेहतर बता सकते हैं या फिर सुषमा! |
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