अंशुमन हैं कौन?

March 18 2012


अंशुमन मिश्रा को झारखंड से लाने पर भी काफी बावेला मचा। अडवानी, सुषमा व जोशी ने खुलकर इसका विरोध किया, पर इस मामले के प्रमुख रणनीतिकार अरुण जेतली चुप रहे, तो गडकरी व राजनाथ सिंह ने खुलकर अंशुमन मिश्रा के परचम को लहराया। कुछ उद्योग समूह मसलन सहारा जहां खुलकर अंशुमन मिश्रा के नाम का विरोध कर रहा था, वहीं नरेश गोयल, मुकेश अंबानी, कुमारमंगलम, बिड़ला व रूईया बंधु मिश्रा की पुरकश वकालत करते दिखे। मिश्रा के नाम का सबसे ज्यादा विरोध जेतली करीबी झारखंड के सांसद निशिकांत दुबे ने किया, दरअसल दुबे जो अब तक रूईया बधुओं (एस्सार ग्रुप) के लिए कॉरपोरेट लॉबिंग करते आए हैं, वे नहीं चाहते थे कि झारखंड से किसी और ब्राह्मण चेहरे का अभ्युदय हो। वहीं दुबे को अंशुमन मिश्रा की अपने कॉरपोरेट बॉस शशि व प्रशांत रूईया के साथ नई नवेली दोस्ती भी रास नहीं आ रही। जाहिर है अगर ऐसे में अंशुमन मिश्र को गडकरी भाजपा समर्थित उम्मीदवार बना भी लेते हैं तो दुबे मिश्र की राहों में कांटे बिछाने में कोई कोर कसर नहीं उठा रखेंगे, क्योंकि उनके झामुमो में भी अच्छे संपर्क हैं। और झारखंड भाजपा में भी बखूबी उनके तार जुड़े हैं।

 
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