कांग्रेस में आपसी सिर फुटौव्वल कम थमेगी?

April 07 2023


’मुद्दतों साथ चले हो और आज पांव पत्थरों से बचा रहे हो
भले तेरी नज़रें आसमां पर है पर तुम क्यों गर्त में जा रहे हो’
कांग्रेस को अपनी प्रतिद्वंद्वीं भाजपा से कहीं ज्यादा अपने घर में ही अपनों से लड़ना पड़ रहा है, राहुल गांधी को भी इस बात का इल्म तब हुआ जब अपनी संसद की सदस्यता जाने के बाद उन्होंने अपने घर पर कोई दो दर्जन ऐसे कांग्रेसी नेताओं को बुलाया जो दिल्ली एनसीआर में भीड़ जुटाने की कूवत रखते हैं। राहुल ने इन नेताओं से कहा कि ’दो दिन बाद से विरोध प्रदर्शन शुरू होंगे कम से कम दिल्ली में तो लाखों की भीड़ जुटे।’ यह कह कर राहुल वहां से चले गए। राहुल के वहां से जाने के बाद ये नेतागण केसी वेणुगोपाल के इर्द-गिर्द कदमताल करने लगे। दिल्ली के एक नेता ने तो यह कहते हुए भीड़ जुटाने से पल्ला झाड़ लिया कि ’कांग्रेस को दिल्ली की सत्ता से बाहर हुए दस साल हो गए, उसका वोट प्रतिशत भी दिल्ली में महज़ 2 फीसदी पर सिमट आया है तो यहां भीड़ कहां से आएगी।’ सो ले-देकर इस बात पर सहमति बनी कि भीड़ के लिए पश्चिमी यूपी, हरियाणा और राजस्थान का रुख किया जाए। सो, अगले रोज जब कांग्रेस की ’लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति मार्च’ लाल किले से लेकर चांदनी चौक के टाउन हॉल तक निकली तो मशालों की चमक फीकी थी, बड़े नेताओं के चेहरे भी उतरे हुए थे, अगले रोज राहुल ने अपने कोर ग्रुप की मीटिंग में किंचित खीझ उतारते हुए कहा-’जितनी ऊर्जा आप मुझे देंगे, मैं उतनी ही मजबूती से खड़ा हो पाऊंगा।’

 
Feedback
 
Download
GossipGuru App
Now!!