क्या होगा आप का? |
May 18 2014 |
शुक्रवार को जैसे ही नतीजे आने शुरू हुए, आप नेताओं की पेशानियों पर बल पड़ने लगे, आप के टाॅप बाॅस को उम्मीद थी कि कम से कम 15 सीटें तो जरूर मिलेंगी। आप को सबसे ज्यादा भरोसा दिल्ली, यूपी, हरियाणा और महाराष्ट जैसे राज्यों से थी। पर सीटें आईं पंजाब से, इनमें से कुछ ऐसी सीटें जो आप की कुछ जीतने वाली सीटों में भी शुमार नहीं थीं। मीडिया को देखकर लार टपकाने वाले आप नेताओं की हालत तब देखने वाली थी जब देर शाम तक न तो योगेंद्र यादव, न गोपाल राय और न ही प्रशांत भूषण मीडिया को फेस करने को तैयार हुए, तब कहीं जाकर मनीष सिसौदिया को यह मोर्चा संभालना पड़ा। रही बात दिल्ली की तो केजरीवाल ने यहां का संयोजक एक आशीष तलवार को बना दिया था। आप कार्यकर्ताओं की आम शिकायत रही कि तलवार का व्यवहार उनके प्रति खासा रूखा रहा, पर केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं की इन शिकायतों पर कान नहीं धरा। वैसे भी अब भी केजरीवाल तक पहुंच पाना आम पार्टी कार्यकर्ताओं के वश में नहीं रह गया है। सूत्र बताते हैं कि अब आप को पार्टी चलाने के लिए भी पैसों की तंगी आनी शुरू हो गई है क्योंकि चुनावी चंदे के नाम पर जो लगभग 50 करोड़ मिले थे इनमें से अधिकांश रकम अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार व रोड शो में बनारस में खर्च हो गई, क्योंकि तकरीबन 5 हजार कार्यकर्ता बाहर से आकर वहां डटे थे, उनका पूरा खर्च पार्टी को वहन करना पड़ा था। |
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