’देखो इतने ही गौर से खुद को कभी, जैसे दुनिया देखती है तुम्हें
सौ-सौ हाथ के आइने होंगे, पर इतना ही अदना होगा चेहरा तुम्हारा’
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से पार्टीजनों की आम शिकायत रहती है कि पार्टी के आम कार्यकत्र्ताओं का उनसे मिल पाना एक टेढ़ी खीर है। वहीं पार्टी के कई अन्य सीनियर नेता मसलन पवन बंसल जैसे लोग नियमित रूप से पार्टी कार्यकत्र्ताओं से मिलना-जुलना पसंद करते हैं। सो, पार्टी जनों की भावनाओं को मद्देनजर रखते एक दिन यूं अचानक खड़गे ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म से ऐलान किया कि वे इस गुरुवार यानी 1 जून को अपना जनता दरबार लगाएंगे, यह दरबार 24 अकबर रोड नई दिल्ली के पार्टी कार्यालय में आहूत होगा और इसमें पार्टी का अदना सा भी कार्यकत्र्ता उनसे बिना समय लिए मिल सकता है और अपने दिल की बात कह सकता है। खड़गे के संदेश का पार्टी कार्यकत्र्ताओं में व्यापक असर हुआ और वे बड़ी संख्या में गुरुवार के दिन पार्टी मुख्यालय की ओर कूच कर गए। पर इत्तफाक देखिए उसी दिन सुबह 9 बजे से ही अकबर रोड पर ‘वीआईपी रूट’ लग गया और कांगे्रस मुख्यालय के आसपास बड़े पैमाने पर पुलिसवालों की तैनाती हो गई। क्योंकि उसी दिन हैदराबाद हाऊस में नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड दहल कमल की हमारे प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात होनी थी। आमतौर पर अकबर रोड को हैदराबाद हाऊस जाने में ‘वीआईपी रूट’ से मुक्त रखा जाता है, पर उस दिन यह रूट लगा या लगाया गया सो, बड़ी तादाद में कार्यकत्र्तागण अपने कांग्रेस मुख्यालय में प्रवेश ही नहीं कर पाए, थोड़े बहुत जो अंदर आ पाए थे उनके साथ बस ‘फोटो खिंचाओ और जाओ’ का ही सलूक हुआ, वे न अपने दिल की बात खड़गे से कर पाए और ना ही खड़गे वो सुन पाए जो उनके पार्टी के सिपाही उनसे कहना चाहते थे। जरा इत्तफाकों की इस श्रृंखला पर गौर फरमाइए कि जैसे ही दिन के 2 बजे के आसपास खड़गे का जनता दरबार खत्म हुआ, बाहर खड़े पुलिसवालों ने भी अपना टेंट-तंबू वहां से उठा लिया।