गुजरात के नए मुख्यमंत्री के लिए मोदी की पहली पसंद वजुभाई वाला |
December 19 2017 |
मोदी व शाह की जोड़ी टीवी चैनलों के एक्जिट पोल के नतीजों से बम-बम है। अब इन दोनों के दरम्यान यह मंथन जारी है कि गुजरात की गद्दी किसको सौंपी जाए। एक नाम तो अमित शाह का भी उभर कर समाने आया, पर शाह इस मौके को लपकना नहीं चाहते, सूत्र बताते हैं कि अपने करीबियों के समक्ष शाह ने तर्क दिया कि अगर इन्होंने गुजरात जाना स्वीकार किया तो राहुल गांधी के नेतृत्व वाला विपक्ष इसे उनके बेटे जय शाह के प्रकरण से जोड़ कर देखेगा। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कर्नाटक के मौजूदा गवर्नर वजुभाई रूदाभाई वाला को फोन कर कहा गया है कि वे 18 दिसंबर से पहले अपने तमाम जरूरी फाइलों का निपटारा कर लें क्योंकि उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। मोदी भक्ति के आकंठ उपासक रहे वजुभाई के लिए दिल्ली से गया ये फोन किसी सदमे से कम न था। फिर उन्हें समझाया गया कि उन्हें गुजरात का नया मुख्यमंत्री बनाने पर विचार हो रहा है। 78 वर्षीय वजुभाई के लिए यह खबर भी किंचित विस्मयपूर्ण थी, क्योंकि मोदी राज में तो 75 की उम्र में रिटायरमेंट देकर बड़े नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में शामिल कर दिया जाता है। आनंदी बेन से गद्दी वापिस लेने में भी उनकी उम्र को ही सबसे बड़ा बाधक ठहराया गया था। वजुभाई जमीन से जुड़े नेता हैं, वे राज्य की पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखते हैं। वे एक ईमानदार नेता के तौर पर जाने जाते हैं और वे गुजरात के राजकोट वेस्ट से वे 7 बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। 2002 के उप चुनाव में उन्होंने अपनी सीट नरेंद्र मोदी के लिए छोड़ दी। वे न सिर्फ मोदी की आंखों के तारा रहे बल्कि 2012 से लेकर 2014 तक वे गुजरात विधानसभा के स्पीकर भी रहे। 2014 में ही उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया। वजुभाई का चुनाव कर मोदी राज्य की पिछड़ी जातियों में यह संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि उनकी चिंता बैकवर्ड कम्युनिटी को लेकर हमेशा से रही है, चुनांचे वे कांग्रेस के झांसे में न आएं। |
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