उत्तराखंड के उत्तर |
March 22 2016 |
अपनी ही पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं और उनके संरक्षण प्राप्त विधायकों की नाराज़गी और बागी तेवरों से भले ही उत्तराखंड में कांग्रेसी सरकार डगमगा गई हो, पर पार्टी आलाकमान ने हिम्मत नहीं हारी है, सब कुछ ठीक करने में जुटी है। सूत्र बताते हैं कि इस ताजा विद्रोह को हवा देने में प्रदेश के दो हैवीवेट नेताओं विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत की एक महती भूमिका है। विजय बहुगुणा अपने लिए राज्यसभा की सीट चाहते थे, जबकि हरिश रावत बहुगुणा की जगह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का नाम आगे बढ़ा रहे थे, अब फैसला पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया गया है। वहीं हरक सिंह रावत आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी टिकट के लिए दो महिला नेत्रियों के नाम आगे बढ़ा रहे हैं, इनमें से एक उनकी पत्नी दीप्ति रावत है, जो कि जिला परिषद की अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा वे अपनी एक करीबी लक्ष्मी राणा, जो रूद्र प्रयाग की जिला परिषद की अध्यक्ष हैं, उनके लिए भी लॉबिंग कर रहे हैं। वहीं उत्तराखंड से राज्यसभा पाने की आस में दिल्ली के कई सीनियर नेताओं ने टकटकी बांध रखी है, गेंद अब हाईकमान के पाले में है। |
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