अफसरों पर भगवा भरोसा

March 19 2017


यूपी में कमल के प्रस्फुटन के बाद से लगातार भाजपा के दोनों शीर्ष पुरुष मोदी व शाह की निगाहें अभी से 2019 के आने वाले आम चुनावों पर टिक गई हैं। भले ही इस भगवा द्वय ने यूपी का मुख्यमंत्री चुनने में जल्दबाजी न दिखाई हो, पर यूपी चुनाव में मतदाताओं से किए गए वायदों पर खरा उतरने की एक जल्दबाजी तो दिख ही रही है। वैसे भी मोदी को प्रशासनिक मामलों में दक्ष माना जाता रहा है, चुनाव के बाद उन्होंने बगैर वक्त गंवाए केंद्र और यूपी के आला अफसरों की एक आपात बैठक बुलाई। सूत्र बताते हैं कि अफसरों को ताकीद कर दी गई है कि 30 पृष्ठों वाले भाजपा के घोषणा पत्र के मुख्य वादों को तुरंत अमल में लाना है। इसके लिए एक चार सूत्री कार्यक्रम को अमलीजामा पहनाने की हरी झंडी दे दी गई है। मोदी व शाह की जोड़ी भगवा शासन की प्रथमिकताओं में सबसे पहले यूपी के कानून व्यवस्था की स्थिति को दुरुस्त करना चाहती है, चाहती है कि राज्य को 24 घंटे बिजली मिले, स्लॉटर हाउस पर तुरंत प्रभाव से लगाम लगे और गन्ना किसानों की कर्ज माफी को रफ्तार मिले। इस भगवा छत्र के पसंदीदा अधिकारियों की सूची तैयार है। कुछ पसंद के अधिकारियों ( मसलन कभी राजनाथ सिंह के खास रहे आलोक सिंह) को डेपुटेशन पर यूपी भेजा जा रहा है। चुनाव के बाद भले ही राज्य के मुख्यमंत्री ने अभी शपथ ना ली हो पर भाजपा ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने की मुहिम अभी से शुरू कर दी है।

 
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