दो अली एक बजरंग बली |
November 06 2016 |
यूपी को लेकर भाजपा की महत्त्वाकांक्षाएं उफान पर हैं, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीतियों को परवान चढ़ाने में उनके खास लोग जुटे हैं, एक तरह से इसकी कमान शाह दुलारे सुनील बंसल के पास है। सपा के महागठबंधन के स्वरूप, बसपा के नए प्रादुर्भाव के आकलन के बाद ही भाजपा अपने टिकटों का वितरण करना चाहती है, इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि यूपी चुनाव फरवरी में हो, सो भाजपा अपने उम्मीदवारों की घोषणा दिसंबर माह में कर सकती है। भाजपा ने 60 ऐसी सीटों को चिन्हित किया है जहां उसकी हालत खराब है, अमित शाह की रणनीतियों के मुताबिक इन सीटों पर अन्य दलों से भाजपा में आए नेताओं को उतारा जाएगा। 100 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर निर्णायक स्थिति में हैं, सबसे खास बात तो यह है कि लगभग इन सभी सीटों पर बसपा और सपा दोनों ने ही मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। बसपा ने तो पूर्व घोषित अपने आधे उम्मीदवारों के टिकट बदल कर यहां से मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। कहते हैं एक तरह से यह भाजपा को लाभ पहुंचाने की ही कवायद है, ताकि दो मुस्लिम उम्मीदवारों की जंग में यहां से भाजपा का हिंदू उम्मीदवार बाजी मार ले। जमीनी स्तर पर बकायदा छिटपुट यह नारे भी सुनाई देने लगे हैं-दो अली, एक बजरंग बली। यानी दो अली की जंग में बजरंग बली की सरपरस्ती भगवा कमल के प्रस्फुटन में बेहद मददगार साबित हो सकती है। |
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