‘साध्वी वचन’

July 12 2014


गंगा मंथन पर अभी हाल में ही केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने अपने मंत्रालय में अधिकारियों की एक अहम बैठक बुलाई थी, उन्होंने अपने अधिकारियों से आह्वान किया कि वे चाहे तो गंगा शुद्धि मुहिम को लेकर अपने नायाब आइडिया दे सकते हैं, फिर भी जब अधिकारियों के बीच खामोशी व्याप्त रही तो उमा भारती ने चुटकी लेते हुए कहा कि ‘आप अपनी सलाहें जरूरी है मंत्रालय में काम करने के दौरान ही दें, तब आपको अपनी रिटायरमेंट के बाद अलग से किताब लिखने की जरूरत नहीं पड़ेगी’, दरअसल उमा का इशारा कोल मंत्रालय के तत्कालीन सचिव पी.सी.परख की पुस्तक ‘क्रूसेडर और कंसप्रेटर’ की ओर था जो उन्होंने कोयला घोटाले को बेनकाब करने के इरादे से लिखी थी। पर यह कहते हुए उमा जी शायद यह भूल गईं कि परख ने कोयला सचिव रहते हुए अपनी सलाहों से कोल मंत्री व प्रधानमंत्री को अवगत करा दिया था। यह और बात है कि तब उन राजनेताओं ने उनकी बात पर कान नहीं धरे थे।

 
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