’दास्तां जब भी तूफानों की लिखी जाएगी, ये जलते चिरागों की कतारों से बयां होगी’
यूं ही नहीं दहाड़ रहा है भगवा एंकर कि ‘उद्धव तेरे दिन गिनती के बचे हैं’, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले महाअघाड़ी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, और इस बार भी घर को आग लगेगी घर के चिराग से। पुणे के पिंपरी चिंचवाड़ में पिछले सप्ताह एनसीपी नेता अजीत पवार एक अस्पताल का उद्घाटन करने गए थे, ज़रा सोचिए तो उनके साथ मंच शेयर कौन कर रहा था? महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस। यानी कि अजीत पवार का भाजपा प्रेम अब भी बचा हुआ है। बताया जाता है कि उन्हें अब भी एनसीपी के अंदर 15-16 विधायकों का समर्थन हासिल है। अजीत के बेटे पार्थ पवार अब खुल कर अपने दादा शरद पवार की सोच के खिलाफ अपनी भावनाओं के उद्गार व्यक्त कर रहे हैं, इसकी शुरूआत तब हो गई थी जब पार्थ ने बीजेपी लाइन का सपोर्ट करते हुए सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई जांच की मांग कर दी थी। सूत्र बताते हैं कि अब महाराष्ट्र में पूरे खेल की कमान भाजपा के हाथों में आ गई है, दांव पर हैं शरद पवार। या तो अब वे राज्य में भाजपा को सरकार बनाने के लिए खुला समर्थन दें या फिर अपनी पार्टी में दोफाड़ के लिए तैयार रहें, दोनों ही सूरतों में गद्दी तो उद्धव की ही जाएगी।