…और अंत में

August 16 2015


इस पूरे मानसून सत्र के दौरान ऐसा प्रतीत हुआ कि राहुल को लेकर सोनिया का भरोसा मजबूती से कायम हुआ है, सोनिया की नज़र में अब राहुल एक ऐसे लीडर के तौर पर सामने आए हैं जो न केवल कांग्रेस बल्कि देश की भी नंुमाइदगी कर सकते हैं। चुनांचे सदन से बाहर जब राहुल मीडिया को बाइट देते दिखे तो सोनिया हमेशा राहुल से एक दूरी बना कर खड़ी रहीं और राहुल की बातों से भंगिमाओं के माध्यम से अपनी रज़ामंदी दिखाती रहीं। यही वजह है कि मानसून सत्र में सोनिया ने अपने कोर ग्रुप के न चाहने के बावजूद भी राहुल के कई बड़े फैसलों को सिर माथे लगाया, इसमें राहुल का सबसे बड़ा फैसला मानसून सत्र के ’वाॅश आउट’ का था, हालांकि स्वयं सोनिया चाहती थीं कि मानसून सत्र में जीएसटी समेत कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हो, पर राहुल गांधी की जि़द के आगे उन्होंने हथियार डाल दिए।

 
Feedback
 
Download
GossipGuru App
Now!!