धुल रहा है संसद का मानसून सत्र |
July 27 2015 |
संसद का मानसून सत्र पूरी तरह से धुलने की कगार पर है, खास कर प्रधानमंत्री मोदी के इस जुमले के बाद कि सरकार सदन में विपक्ष से मुकाबले को तैयार है, इसके बाद विपक्षी दलों ने और त्यौरियां चढ़ा ली हैं। संसद का मौजूदा सत्र 13 अगस्त तक आहूत है, पर एक सप्ताह बाद भी सदन में कामकाज का कोई माहौल नहीं बन पाया है। भाजपा की ओर से उनका क्राइसिस मैनेजमेंट गु्रप सक्रिय है, सरकार चाहती है कि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के साथ एक कामकाजी रिष्ता तो बने, यही वजह है कि सदन के अंदर स्वयं प्रधानमंत्री सोनिया गांधी के पास चल कर उनके अभिवादन के लिए गए, पर उन्हें वहां से कोई माकूल जवाब नहीं मिला। संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू ने राहुल गांधी के तुगलक लेन स्थित आवास पर कई दफे फोन लगवाया, पर राहुल लाइन पर नहीं आए। दस जनपथ से संपर्क साधने की पीएमओ की कोषिष भी बेनतीजा रही। सरकार सदन में सात नए बिल लाना चाहती है और पहले से पेंडिंग चल रहे 10 विधेयकों को पास करवाना चाहती है। विपक्ष के हंगामों के चलते सरकार के कई महत्वाकांक्षी विधेयकों मसलन रीयल एस्टेट बिल 2013 (जो फिलवक्त सेलेक्ट कमेटी के पास है), व्हिसल ब्लोअर प्रोटेक्षन बिल 2015, जुविनाइल जस्टिस (अमेंडमेंट) बिल, प्रिवेंषन आॅफ करप्षन (अमेंडमेंट) बिल 2013, द् इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2014, चाइल्ड लेबर बिल, मेंटल हेल्थ केयर बिल, 2013 के भविश्य अधर में लट गए हैं। |
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