प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का रास्ता कितना दुरूह और दारूण है, इसे देखते हुए जब हर तरफ से आवाज़ें उठनी शुरू हुई तो कांग्रेस और प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे को धार देनी शुरू कर दी। प्रियंका ने यूपी सरकार से एक हजार बसों के लिए इजाज़त मांगी जिससे मजदूरों को राजस्थान से उनके घर यूपी तक पहुंचाया जा सके। पहली नज़र में यूपी के मुख्यमंत्री को इस प्रस्ताव में बहुत कुछ राजनीति नहीं दिखी, सो उन्होंने प्रियंका के उस ट्वीट को सहजता से
लिया। तब तक इस मामले में राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की एंट्री होती है जो कांग्रेस से इस बात को लेकर खासा नाराज़ थे कि यूपी कांग्रेस के गौरव पांधी ने उनकी पत्नी मालिनी अवस्थी को लेकर एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में गौरव ने सवाल उठाए थे कि हर बड़े सरकारी समारोह में मालिनी अवस्थी को गाने का मौका कैसे मिल जाता है, क्या सिर्फ इस वजह से कि वे अवनीश अवस्थी की पत्नी हैं? कांग्रेस नेता ने इसे अवस्थी द्वारा अपने पद का घोर दुरूपयोग करार दिया था। कहते हैं इस बात को लेकर अवस्थी ने सीएम योगी के समक्ष अपना दुखड़ा रोया। चूंकि अवस्थी योगी के बेहद लाडले हैं, सो अवस्थी से उन्होंने बस वाले मामले पर उचित कार्यवाई करने को कहा। इसके बाद अवस्थी की ओर से कांग्रेस को कहा गया कि रात दस बजे तक ये सारी एक हजार बसों को लखनऊ लाया जाए, उनकी लिस्ट जमा कराई जाए और उनका फिटनेस टेस्ट कराया जाए। कांग्रेस ने अपने जवाबी प्रतिवेदन में कहा चूंकि इन बसों को नोएडा होकर यूपी में एंट्री लेनी है, तो आप इन बसों की जांच नोएडा में करा लें। पर अवस्थी इसके लिए तैयार नहीं हुए। फिर जब इन एक हजार बसों की लिस्ट चेक की गई तो इसमें से 850 बसें तो ठीक थी, बाकी दोपहिए और तीन पहिए वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर दिए गए थे। बस फिर क्या था पूर्णबंदी उल्लंघन, गलत सूची को लेकर धोखाधड़ी के मामले में यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के ऊपर मुकदमा दर्ज हो गया।