अच्छे दिनों के सौदागर |
May 03 2015 |
50 दिनों के विदेश प्रवास, विपश्यना, मौसा वॉल्टर विंसी का साथ, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राजनैतिक सलाहें कुछ तो है जो राहुल गांधी एक बदले अवतार में समाने आए हैं, और अब उनकी कही गई बातों के मायने और संदर्भ पहले से कहीं ज्यादा सारगर्भित हैं। सो, जब राहुल गांधी कहते हैं कि गुजरात के एक खास उद्योगपति के लिए अच्छे दिन आ गए हैं तो उसका एक व्यापक फलक है। सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री जब भी विदेश यात्रा को जाते हैं, तो वे जिस भी होटल में रूकते हैं वहां इस उद्योगपति के लिए एक कमरा पहले से आरक्षित होता है, कमरे की बुकिंग भी पीएमओ द्वारा करवाई जाती है। अब मामला चाहे पेरिस के प्लाजा एथेना होटल का हो, बर्लिन के एडलॉन का, न्यूयॉर्क के न्यूयॉर्क पैलेस का या फिर सिडनी या टोक्यो के होटलों का, हर जगह इस उद्योगपति को प्रधानमंत्री के साथ रुकने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यहां तक कि प्रधानमंत्री के सम्मान में दिए गए हर स्टेट डिनर में भी इस उद्योगपति की मौजूदगी देखी गई। पेरिस के होटल प्लाजा एथेना का नाारा तो सबसे अलग था, हालांकि फ्रांस की यात्रा पीएम की सबसे व्यस्तम यात्राओं में से एक थी, फिर भी उस यात्रा में भी प्रधानमंत्री ने प्लाजा एथेना में कोई ढाई घंटे इस उद्योगपति के साथ बिताए, न सिर्फ उनके साथ डिनर किया, बल्कि मन की बातें भी शेयर कीं, सूत्र बताते हैं कि इन ढाई घंटों में जब प्रधानमंत्री अपने इस उद्योगपति मित्र के साथ डिनर कर रहे थे, तब तक नीचे होटल की लॉबी में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, विदेश सचिव एस.जयशंकर और फ्रांस में भारत के राजदूत अपनी बारी का इंतजार करते देखे गए। प्रधानमंत्री की न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान भी कई बार कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। सत्ता के कंगूरे पर अच्छे दिनों की यह कौन सी आहट सुनाई दे रही है भई? क्या अरुण शौरी की ताजा खिसियाहट इन्हीं बातों से जुड़ी है? |
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