पीएम से नाराज़ कांग्रेस |
December 06 2015 |
सोनिया गांधी और नरेंद्र मोदी की मुलाकात में भी सवा सौ साल पुरानी राजनैतिक पार्टी को सियासत की बू आ रही है। दस जनपथ से जुड़े एक विश्वस्त सूत्र का दावा है कि सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री ने अपने कक्ष में एक सौहार्द्र मुलाकात के लिए आमंत्रित किया था। पर प्रधानमंत्री के कक्ष में बैठने की व्यवस्था एक ’समिट मीटिंग’ की तरह रखी गई थी। बस दो कुर्सियां साथ रखी गई थी और सामने सोफा था। प्रोटोकॉल का हवाला देकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को तो कुर्सी पर बिठाया गया, पर सोनिया के पास सामने लगे सोफा पर बैठने के सिवा और कोई चारा नहीं था। जबकि प्रधानमंत्री सदन को सुचारू रूप से चलने देने के लिए कांग्रेस से संवाद स्थापित करना चाहते थे, जीएसटी बिल पर रजा़मंदी और जरूरी संशोधन के लिए कांग्रेस से बात करना चाहते थे, ऐसे में उनका सीधा संबोधन सोनिया गांधी को होना चाहिए था ना कि मनमोहन सिंह को, क्योंकि पार्टी और सदन में कांग्रेस की भूमिका परिभाषित करने का जिम्मा सिर्फ और सिर्फ सोनिया का है। ऐसे में कांग्रेस के अंदर एक नई बहस ने जन्म ले लिया है कि क्या जाने-अनजाने मोदी सोनिया को नीचा दिखाना चाहते थे? |
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