बिहार में एनडीए गठबंधन की संभावनाओं को धार देने के लिए अब वहां प्रचार की बागडोर स्वयं पीएम मोदी संभाल रहे हैं। मोदी बिहार में 12 रैलियां करेंगे, जिसमें पहले चरण में 3 रैलियां प्रस्तावित है। इसके अलावा 4 लाख से ज्यादा स्मार्टफोन वॉरियर्स मोदी के भाषणों का राज्य भर में प्रचार करेंगे। बिहार चुनाव को भाजपा किंचित बहुत गंभीरता से ले रही है, शायद यही वजह है कि बिहार चुनाव की तारीखों के ऐलान के पांच दिन पहले से ही मोदी और नीतीश ने अपने वर्चुअल रैलियां के माध्यम से छोटे-बड़े प्रोजेक्ट्स की घोषणाएं शुरू कर दी थीं। पीएम ने कहीं पहले से ही बिहार चुनाव की आहटों के मर्म बूझ लिए थे तभी उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखते समय ‘जय श्रीराम’ की जगह ’जय सियाराम’ का उद्घोष किया था, माता सीता की बिहार के मिथिलांचल में घर-घर में मान्यता है, कहते हैं पीएम ने बिहारी जनमानस की इन्हीं भावनाओं को छूने का प्रयास किया था, इसके अलावा गलवान घाटी में शहीद हुए 20 में से 16 बिहार रेजीमेंट के बहादुरों की शहादत की दिल खोल कर तारीफ करना, दरभंगा में एम्स निर्माण को कैबिनेट की मंजूरी देना, बिहार में कामेश्वर चैपाल के निर्माण
को हरी झंडी पीएम की इसी सोच का हिस्सा माना जा सकता है।