केशरीनाथ कैसे पहुंचे बंगाल? |
July 26 2014 |
सियासत के माहिर खिलाड़ी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की कई क्षेत्रीय सूरमाओं से गहरी छनती है, उनमें से एक ममता बनर्जी भी हैं, गाहे-बगाहे राजनाथ ने कई मौकों पर उनकी कई तरह से मदद भी की है। जब पश्चिम बंगाल के लिए राज्यपाल का नाम तय हो रहा था तो राजनाथ ने अपनी ओर से विजय कुमार मल्होत्रा का नाम सोच रखा था, वैसे राज्यपाल की नियुक्ति में संवैधानिक तौर पर संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री से मंजूरी लेना जरूरी नहीं, उन्हें बस इत्तला भर भेजनी होती है। सो, जब उस रोज राजनाथ ने ममता दीदी से बात करनी चाही तो वह छुट्टी पर थीं, दीदी के ऑफिस में कई बार मैसेज छोड़ा गया, पर वहां से कोई जवाब नहीं आया। और दीदी की एक आदत है कि वह बेहद जल्दी-जल्दी अपना मोबाइल नंबर बदल लेती हैं, फिर ममता के दिल्ली में एक बेहद करीबी व्यक्ति से संपर्क साधा गया और उन्होंने दीदी से राजनाथ को कॉल-बैक कराया, दीदी ने छूटते ही पूछा कि ‘क्या मल्होत्रा जी का नाम फाइनल हो गया है?’ राजनाथ ने किंचित कोमलता जताते हुए कहा कि ‘अगर फाइनल ही हो जाता तो आपसे पूछते क्यों?’ दीदी ने कहा-‘आपके पास और भी कोई नाम है?’ तब राजनाथ ने केशरीनाथ त्रिपाठी का नाम आगे बढ़ाया, साथ ही यह भी कहा-‘बहुत ही काबिल व्यक्ति हैं, संविधान मर्मज्ञ हैं, स्पीकर रह चुके हैं, कई किताबें भी लिख चुके हैं।’ दीदी ने कहा-‘दस मिनट दीजिए सोच कर बताती हूं,’ दीदी ने अपने सूत्रों से पता किया, सूत्रों ने बताया कि अब त्रिपाठी गोपाल गांधी तो नहीं हो सकते, पर ठीक हैं। और दीदी की हामी आ गई। |
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