सोनिया का पुत्र प्रेम

August 10 2014


भले ही पार्टी चलाने के तौर तरीकों को लेकर सोनिया और राहुल के बीच मतभेद की खबरें सार्वजनिक हो रही हों, पर राहुल को लेकर सोनिया का मातृ-प्रेम किंचित भी कम नहीं हुआ है, यही वजह है कि पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा बार-बार लोकसभा में हुई कांग्रेस की हार के लिए पूरी तरह से राहुल को दोषी ठहराने की प्रवृत्ति से वह व्यथित हैं। सोनिया को कहीं न कहीं यह बात भी नागवार गुजर रही है कि पार्टी के कई तबकों से ‘प्रियंका लाओ, कांग्रेस बचाओ’ जैसे स्वर उभर रहे हैं, बतौर मां और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी अभी राहुल को और मौके दिए जाने की पक्षधर हैं, वह किसी भी तरह राहुल को ठंडे बस्ते में नहीं डालना चाहतीं, शायद यही वजह है कि हरियाणा, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर व झारखंड के चुनावों के बाद पार्टी में प्रियंका गांधी की भूमिका को एक नए सिरे से पारिभाषित करने की चेष्टा होगी, और अगर उस सूरत में प्रियंका पार्टी महासचिव बन भी जाती हैं तो बतौर अध्यक्ष पार्टी की बागडोर राहुल के पास हो सकती है, और प्रियंका को अपने भाई को रिपोर्ट करनी पड़ सकती है। यानी हर सूरत में नंवर वन राहुल ही रहेंगे।

 
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