ईरानी का इरादा तूफानी

August 21 2017


18 जुलाई को जब से स्मृति ईरानी को सूचना प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिला है, तब से वह इस मंत्रालय के चेहरे से पुरानी गर्दो-गुबार झाड़ने में जुटी हैं। सूत्र बताते हैं कि वेंकैया के जमाने से मंत्रालय पर एक गुट विशेष का कब्जा था, पिछले दिनों नार्थईस्ट के लिए जिस हिंदी चैनल अरूण प्रभा की शुरूआत हुई, आरोप है कि उसमें भी कार्यक्रम आबंटन में बड़े पैमाने पर धांधलियां हुईं और प्रोग्राम के स्वरूप व उनकी गुणवत्ता के बजाए कार्यक्रम आबंटन में सियासी पैरवी का ही ध्यान रखा गया। स्मृति के जेहन में ये बातें ताजा हैं, चुनांचे उन्होंने नए सिरे से मंत्रालय का चेहरा-मोहरा बदलने की कवायद शुरू कर दी है। ताजा मामला 20-28 नवंबर 2017 को गोवा में आहूत होने वाले अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का है। इसमें गड़बडि़यों की आहट भांपते मंत्री महोदया ने 21 सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी को बाहर का रास्ता दिखा दिया है, इस कमेटी में ज्यादातर पैरवी के लोग भर्त्ती हुए समझे जाते हैं। हालांकि यह कमेटी अब तक 150 विदेशी फिल्मों का प्रीव्यू कर चुकी थी, इनकी जगह स्मृति इंडस्ट्री के कुछ धुरंधरों को लेकर नई कमेटी बना रही हैं। इसके अलावा मंत्री महोदया पुरस्कार में दी जाने वाली राशि में भी कटौती चाहती हैं, सनद रहे कि इस वक्त ’आईएफएफआई’ द्वारा जिन फिल्मों को ’गोल्डन पीकॉक अवार्ड’ के लिए चुना जाता है उसे 40 लाख रूपए का पुरस्कार भी दिया जाता है, स्मृति का मानना है कि किसी विदेशी फिल्म निर्माता पर इतना पैसा बहाने की जगह इस रकम का इस्तेमाल देश में अच्छे विषयों को केंद्र में रखकर बनाई जाने वाली फिल्मों पर होना चाहिए। पर सवाल उठता है कि क्या इतने क्रांतिकारी विचारों व बदलावों के लिए मंत्रालय का लचर सिस्टम तैयार है?

 
Feedback
 
Download
GossipGuru App
Now!!