जब शाह ने नहीं लिया फोन, तो सिद्धू ने बताया वे हैं कौन |
July 24 2016 |
हंसी और क्रिकेट के खेल को बखूबी समझने वाले नवजोत सिंह सिद्धू भगवा सियासत की तासीर को अंत-अंत तक नहीं समझ पाए, उनके एक करीबी बताते हैं कि भाजपा ने राज्यसभा में उन्हें मनोनीत करते वक्त यह वायदा किया था कि उन्हें स्वतंत्र प्रभार के साथ मोदी सरकार में खेल और युवा मामलों का मंत्री बनाया जाएगा, पर यह हो न सका। पंजाब चुनाव के लिए गठित सिद्धू को जिस कोर कमेटी का सदस्य बनाया गया था, उसकी आज तक कोई मीटिंग नहीं हो पाई, पर अमित शाह के घर ‘सीक्रेट कोर ग्रुप’ की कई बैठकें आहूत हुईं, जिसमें सिद्धू को बुलाया ही नहीं गया। सूत्र बताते हैं कि पिछले चार महीने से सिद्धू भाजपाध्यक्ष शाह से मिलने का समय मांग रहे थे, पर शाह कभी लाइन पर ही नहीं आए। सो, अमृतसर व पटियाला के लिए भाजपा प्रत्याशियों की लिस्ट जब फाइनल हो रही थी तो सिद्धू अपनी पसंद के कुछ संभावित प्रत्याशियों के नाम रामलाल को दे आए थे, पर कहते हैं पार्टी के हुक्मरानों ने उस लिस्ट पर एक नज़र दौड़ाने की जहमत भी नहीं उठाई। सिद्धू की पत्नी लगातार आप के शीर्ष नेताओं के संपर्क में थीं, आहत सिद्धू ने तब यकबयक पार्टी व राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने का मन बना लिया। सूत्र बताते हैं कि सिद्धू के इस्तीफे के ऐलान के साथ अमित शाह का फोन उनके पास आ धमका, शाह ने उनसे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा और यह भी कहा कि अगले कुछ रोज में मोदी जी के साथ बैठ कर इस मसले का हल निकाल लेंगे, पर सिद्धू नहीं माने तो कहते हैं शाह ने ब्रह्मास्त्र उछाला और कहा कि ‘आपके ऊपर जो केस चल रहा है उसके बारे में सोचो, अब इसमें मदद नहीं हो पाएगी’। सिद्धू ने भी ठसक में कह दिया-‘आप लोग जो कर सकते हैं करें, मैं इसकी परवाह नहीं करता’ और सभी संवाद-सूत्र टूट गए। |
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