शर्मा जी की रीज़नल पार्टी |
March 24 2014 |
कभी हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डïा के अघोषित बिजनेस पार्टनर में शुमार होने वाले विनोद शर्मा की किसी बात पर हुड्डïा की धर्मपत्नी आशा हुड्डïा से अनबन हो गई, और आगे के दिनों में इस अनबन ने एक तकरार का रूप ले लिया, बात यहां तक बढ़ी कि शर्मा ने कांग्रेस को अलविदा कहने का मन बना लिया। शर्मा के न्यूज चैनल प्रमुख दीपक चौरसिया ने शर्मा के तार भाजपा से जोड़ दिए और चौरसिया ने शर्मा की मुलाकात भाजपा के वरिष्ठï नेता मुरली मनोहर जोशी और फिर पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से करवाई और एक तरह से तय हो गया कि शर्मा भाजपा के टिकट पर हरियाणा के करनाल से चुनाव लड़ेंगे। बाद में जब यह सीट समझौते के तहत कुलदीप बिश्नोई की हजकां के पास चली गई तो राजनाथ ने स्वयं बिश्नोई से बात कर उनके लिए हजकां के टिकट पर करनाल से चुनाव लडऩे का पुख्ता इंतजाम कर दिया, पर तब तक इस मामले में सुषमा स्वराज का नाम उछलने से सुषमा ने शर्मा के मामले में कड़ा स्टैंड लिया, नतीजन शर्मा जी न तो भाजपा में ही शामिल हो पाए, न ही हजकां में। फिर उन्होंने रालोद प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला का मन टटोला, पर वहां भी बात नहीं बनी, सूत्र बताते हैं कि अब विनोद शर्मा ने तय किया है कि वे एक अलग क्षेत्रीय दल के गठन का मन बना रहे हैं, क्योंकि आने वाले सितंबर-अक्तूबर में हरियाणा विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। |
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